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इसरो ने एलवीएम3 रॉकेट का उपयोग करके भारत के सबसे भारी उपग्रह, सीएमएस-03 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया, जो क्रायोजेनिक चरण पुनः आरंभ के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर रहा है।
2 नवंबर, 2025 को श्रीहरिकोटा से एल. वी. एम. 3-एम. 5 रॉकेट का उपयोग करते हुए 4,400 किलोग्राम वजन वाले भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह, सी. एम. एस.-03 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए उपग्रह को 4,410 किलोग्राम के पेलोड के साथ एक अण्डाकार कक्षा में रखा गया था-जो रॉकेट की मानक 4,000 किलोग्राम क्षमता से अधिक था।
इसरो ने कक्षा में स्वदेशी रूप से विकसित सी-25 क्रायोजेनिक चरण को सफलतापूर्वक फिर से शुरू करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया, जो भविष्य के बहु-उपग्रह मिशनों की दिशा में एक कदम है।
15 साल की सेवा के लिए डिज़ाइन किया गया यह उपग्रह नौसेना संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता को बढ़ाता है।
सभी प्रणालियाँ सामान्य रूप से काम कर रही हैं, और यह मिशन लगातार आठवें सफल एल. वी. एम. 3 प्रक्षेपण को चिह्नित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस प्रक्षेपण की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता की जीत के रूप में प्रशंसा की।
ISRO successfully launched India’s heaviest satellite, CMS-03, using the LVM3 rocket, achieving a key milestone with a cryogenic stage restart.