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भारत की स्वच्छ उद्योग परियोजनाएं 2025 में वित्त पोषण, नियमों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण रुक जाती हैं, जिससे वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन नेतृत्व को खतरा होता है।
भारत का स्वच्छ उद्योग क्षेत्र विकास में 53 परियोजनाओं के बावजूद बड़ी देरी का सामना कर रहा है, जिसमें से कोई भी वित्तपोषण बाधाओं, पुराने नियमों, धीमी अनुमति और स्वच्छ ईंधन सम्मिश्रण जनादेश जैसी मांग-पक्ष नीतियों की कमी के कारण 2025 में अंतिम निवेश निर्णय तक नहीं पहुंच पाया है।
मिशन पॉसिबल पार्टनरशिप की एक रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उच्च पूंजी लागत, सीमित बिजली बुनियादी ढांचे की पहुंच और असंगत अनुमोदन प्रगति को रोक रहे हैं, जिससे भारत चीन से पीछे है, जो हाल के 19 स्वच्छ उद्योग निवेश निर्णयों में से 12 के साथ विश्व स्तर पर अग्रणी है।
मजबूत नीतिगत समर्थन और वित्तीय तंत्र के बिना, भारत को वैश्विक औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन दौड़ में और पीछे हटने का खतरा है।
India’s clean industry projects stall in 2025 due to funding, rules, and infrastructure gaps, risking global decarbonization leadership.