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झारखंड सरकार को विलंबित वादों और एक नए बजट पर विरोध का सामना करना पड़ता है, जिससे सत्र में व्यवधान पैदा होता है।
झारखंड सरकार ने शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान 2025-26 के लिए 7,721 करोड़ रुपये का पूरक बजट पेश किया, जिससे छात्र छात्रवृत्ति में देरी और धान खरीद के अधूरे वादों के आरोपों पर व्यवधान पैदा हुआ।
विपक्षी भाजपा विधायकों ने सत्तारूढ़ जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन और रुकी हुई परियोजनाओं का हवाला देते हुए रोजगार सृजन, सब्सिडी वाले एलपीजी और स्वास्थ्य बीमा सहित प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
विरोध प्रदर्शनों के कारण कई बार स्थगन हुआ, जिसमें अध्यक्ष ने अराजकता की आलोचना की।
5 से 11 दिसंबर तक चलने वाला सत्र जारी है।
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Jharkhand's government faces protests over delayed promises and a new budget, causing session disruptions.