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भारत का निजी अंतरिक्ष क्षेत्र 2025 में तेजी से बढ़ा, जो नीतिगत समर्थन और निवेश से प्रेरित था, जिसमें 300 से अधिक स्टार्टअप लॉन्च तकनीक, उपग्रह और डेटा सेवाओं को आगे बढ़ा रहे थे।
2025 में भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी आई, जिसमें 300 से अधिक स्टार्टअप ने प्रक्षेपण वाहनों, उपग्रहों और डेटा सेवाओं में प्रगति की, जो स्थिर नीतियों, एफडीआई नियमों में ढील और सार्वजनिक-निजी भागीदारी से प्रेरित थे।
इन-स्पेस वेंचर कैपिटल फंड और 1 लाख करोड़ रुपये की आरएंडडी योजना जैसी सरकारी पहलों द्वारा समर्थित कुल वित्त पोषण 617 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया।
प्रमुख मील के पत्थरों में स्काईरूट और अग्निकुल द्वारा कक्षीय प्रक्षेपण विकास, पिक्सेल के उपग्रह नक्षत्र की तैनाती और अंतरिक्ष निगरानी और डेटा विश्लेषण में बढ़ी हुई क्षमताएं शामिल थीं।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जिसका मूल्य 9 अरब डॉलर है, के 2035 तक 44 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें भारत की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
India's private space sector grew rapidly in 2025, driven by policy support and investment, with over 300 startups advancing launch tech, satellites, and data services.