नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु गर्म होने के कारण थर्मोकार्स्ट क्षेत्रों की मिट्टी की CO2 उत्सर्जन में गैर-थर्मोकार्स्ट क्षेत्रों की तुलना में 5.5 गुना अधिक वृद्धि होती है।

नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि पर्माफ्रॉस्ट-ध्वस्त क्षेत्रों, या थर्मोकार्स्ट, में मृदा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन, गैर-ध्वस्त क्षेत्रों की तुलना में जलवायु वार्मिंग के प्रति अधिक संवेदनशील है। थर्मोकार्स्ट क्षेत्रों से उत्सर्जन, गैर-थर्मोकार्स्ट क्षेत्रों की तुलना में 5.5 गुना अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि वहां मिट्टी की गुणवत्ता कम होती है और कार्बनिक कार्बन अपघटन से संबंधित सूक्ष्मजीवी जीन अधिक होते हैं। यह बढ़ी हुई संवेदनशीलता मृदा CO2 उत्सर्जन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को और अधिक गंभीर बना सकती है।

12 महीने पहले
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