अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार असंतुलन पर चर्चा की तथा भारत-रूस आर्थिक संबंधों के लिए वैकल्पिक मुद्रा की मांग की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने तथा अपने बढ़ते द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के लिए वैकल्पिक मुद्रा खोजने का लक्ष्य रख रहे हैं। यह मुद्दा 1953 के भारत-सोवियत व्यापार समझौते में भी मौजूद था, जिसके तहत भारत अपने निर्यात से अधिक आयात करता था तथा रुपया अपरिवर्तनीय था। 1992 में समझौते के विघटन के बाद सोवियत रुपया शेष को रूस द्वारा पूरी तरह से समाप्त करने में 16 वर्ष लग गये।
July 06, 2024
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