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ज्यूरिख विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि 2% आबादी में टाइप 1 इंटरफेरॉन के खिलाफ ऑटोएंटीबॉडी विकसित होती है, जिससे COVID-19 जैसी वायरल बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
ज्यूरिख विश्वविद्यालय और ज्यूरिख विश्वविद्यालय अस्पताल के शोधकर्ताओं द्वारा पाया गया है कि 2% आबादी में टाइप 1 इंटरफेरॉन के विरुद्ध ऑटोएंटीबॉडी विकसित होती है, जिससे COVID-19 जैसे वायरल रोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
ये स्वप्रतिपिंड, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं, आमतौर पर 60 से 65 वर्ष की आयु के बीच प्रकट होते हैं और व्यक्ति के जीवन भर बने रह सकते हैं।
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2% population develops autoantibodies against type 1 interferons, increasing susceptibility to viral diseases like COVID-19, study by University of Zurich and University Hospital Zurich reveals.