डेनमार्क के एक अध्ययन में वायु प्रदूषण और शोर को पुरुषों और महिलाओं में बांझपन के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है।
द बीएमजे में प्रकाशित एक डेनिश अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण और शोर के दीर्घकालिक संपर्क में आने से बांझपन के जोखिम बढ़ सकते हैं। इसमें पाया गया कि 30-45 वर्ष की आयु के पुरुषों को उच्च PM2.5 स्तरों के संपर्क में आने पर बांझपन का 24% अधिक जोखिम था, जबकि 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को उच्च सड़क यातायात शोर से जुड़े 14% अधिक जोखिम का सामना करना पड़ा। शोध में वायु गुणवत्ता में सुधार और शोर को कम करने के उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि संभावित रूप से प्रजनन स्वास्थ्य और जन्म दर में सुधार हो सके।
September 04, 2024
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