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प्राचीन ज्वालामुखी सतह विस्फोटों के बाद गहरे मैग्मा CO2 का उत्सर्जन करते थे, जो संभावित रूप से अतीत में ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देता है।
*नेचर जियोसाइंस* में एक अध्ययन से पता चलता है कि प्राचीन ज्वालामुखी ने सतह पर विस्फोट बंद होने के लंबे समय बाद गहरे मैग्मा स्रोतों से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) उत्सर्जित किया हो सकता है, जो पृथ्वी के इतिहास में लंबे समय तक ग्लोबल वार्मिंग एपिसोड में योगदान देता है।
यह गुप्त COM2 स्रोत भूतपूर्व जलवायु परिवर्तनों को समझाने में मदद करता है और भविष्य में जलवायु को ठीक करने की नीति बता सकता है ।
लेकिन इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि मौजूदा इंसान2 उत्सर्जन उन लोगों से कहीं ज़्यादा होते हैं जो ज्वालामुखी से पीड़ित हैं ।
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Ancient volcanoes emitted deep magma CO2 after surface eruptions, potentially contributing to past global warming.