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भारतीय रेलवे पटरियों की निगरानी करने, सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए उन्नत आई. टी. एम. एस. वाहनों को तैनात करता है।
भारतीय रेलवे ने सभी क्षेत्रों में एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली (आई. टी. एम. एस.) वाहनों को तैनात करके सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने की योजना बनाई है।
आई. टी. एम. एस. की लागत रु.
18 करोड़ प्रत्येक, वास्तविक समय में ट्रैक की स्थिति की निगरानी के लिए लेजर सेंसर, कैमरा और जीपीएस जैसी उन्नत तकनीक का उपयोग करता है।
यह प्रणाली लापता क्लिप और पटरियों पर वस्तुओं जैसे मुद्दों की पहचान करने, सुरक्षा में सुधार करने में मदद करेगी।
इसके अतिरिक्त, सड़क सह रेल निरीक्षण वाहनों (आर. सी. आर. आई. वी.) का उपयोग हर दो महीने में पटरियों का निरीक्षण करने के लिए किया जाएगा, जिससे वर्तमान चार महीने का चक्र कम हो जाएगा।
इस निवेश का उद्देश्य रेलवे के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना और दीर्घकालिक सुरक्षा में सुधार करना है।
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