अध्ययन में पाया गया है कि सिगरेट के धुएं में रसायन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को खराब करते हैं, जिससे फेफड़ों की बीमारियां बढ़ जाती हैं।
हाल के एक अध्ययन से पता चलता है कि सिगरेट के धुएँ में रसायन फेफड़ों में प्रमुख प्रतिरक्षा कोशिकाओं (एम. ए. आई. टी. कोशिकाओं) के कार्य को बदल देते हैं, जिससे श्वसन संक्रमण की संवेदनशीलता बढ़ जाती है और सी. ओ. पी. डी. जैसी स्थिति बिगड़ जाती है। ये रसायन एक प्रोटीन (एम. आर. 1) से जुड़ते हैं, जिससे प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इन निष्कर्षों से धूम्रपान से संबंधित फेफड़ों की बीमारियों के लिए नए उपचार हो सकते हैं।
3 महीने पहले
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