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भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यू. पी. आई. अब प्रतिदिन 50 करोड़ लोगों द्वारा उपयोग की जाती है, जो अर्थव्यवस्था में कम बैंकिंग वाले लोगों को एकीकृत करती है।
एफ. आई. डी. ई. के सी. ई. ओ. सुजीत नायर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यू. पी. आई.) 50 करोड़ उपयोगकर्ताओं के लिए एक दैनिक आदत बन गया है।
उन्होंने बैंकिंग सुविधा से वंचित आबादी को अर्थव्यवस्था में एकीकृत करने में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डी. पी. आई.) की भूमिका पर जोर दिया।
नायर ने कहा कि ओ. एन. डी. सी. जैसी पहल दुकानदारों और चालकों को डिजिटल लेनदेन में स्वायत्तता प्रदान करके उन्हें सशक्त बना रही है।
जबकि डी. पी. आई. सार्वजनिक सेवाओं में क्रांति ला रहा है और विश्व स्तर पर आर्थिक अवसर पैदा कर रहा है, डेटा गोपनीयता और तकनीकी अंतरसंचालनीयता जैसी चुनौती बनी हुई है।
भारत ने डी. पी. आई. प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए कई देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
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