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आईएटीए ने भारत को हवाई यात्रा उत्सर्जन को कम करने के लिए एक प्रमुख एसएएफ उत्पादक के रूप में पहचाना है, तथा इसे अपनाने में तेजी लाने के लिए 2025 की पहली तिमाही में एसएएफ रजिस्ट्री शुरू की है।
अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) भारत को वायु यात्रा की बढ़ती मांग के मद्देनजर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) के एक महत्वपूर्ण संभावित उत्पादक के रूप में देखता है।
आईएटीए ने 2025 की पहली तिमाही में एसएएफ रजिस्ट्री शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे उत्सर्जन में कमी का लेखा-जोखा रखा जा सकेगा और उसकी रिपोर्ट दी जा सकेगी।
वर्ष 2050 तक वायु परिवहन में शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्बन शमन में एसएएफ का योगदान 65% तक होने की उम्मीद है।
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