भारत के इस्पात उद्योग का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन है, जिसमें बड़े पैमाने पर हरित प्रौद्योगिकी निवेश की योजना है।

भारत का इस्पात उद्योग वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य के साथ स्थिरता और नवाचार को आगे बढ़ा रहा है। केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने राष्ट्र निर्माण और आर्थिक विकास में इस क्षेत्र की भूमिका पर जोर देते हुए अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करने और हाइड्रोजन आधारित इस्पात निर्माण जैसी हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उद्योग 2030 तक क्षमता को 30 करोड़ टन तक बढ़ाना चाहता है, जिसके लिए 120 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता है।

4 महीने पहले
21 लेख