नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच कार्यालय लौटने की योजनाओं को लेकर टकराव होता है, जिसमें अधिकांश कर्मचारी दूरस्थ कार्य को प्राथमिकता देते हैं।
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि जहां 44 प्रतिशत मालिक कार्यालय के काम को उत्पादकता से अधिक उपस्थिति के रूप में देखते हैं, वहीं 57 प्रतिशत अभी भी दो साल के भीतर कर्मचारियों को पूर्णकालिक रूप से वापस लाने की योजना बना रहे हैं। कर्मचारी काफी हद तक दूरस्थ कार्य पसंद करते हैं, केवल 17 प्रतिशत ही आवश्यकता से अधिक कार्यालय में जाने के इच्छुक होते हैं। कई श्रमिकों (60 प्रतिशत) का मानना है कि सरकार को घर से काम करने के अधिकारों को मजबूत करना चाहिए, लेकिन प्रवर्तन के बारे में संदेह है, जिसमें 49 प्रतिशत को काम के घंटों के बाहर संपर्क किए जाने की उम्मीद है। नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच कार्यस्थल के लचीलेपन को लेकर मतभेद हैं, जिससे मनोबल पर दबाव पड़ सकता है।