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अध्ययन अत्यधिक स्क्रीन समय और निष्क्रियता को संज्ञानात्मक गिरावट और "डिजिटल मनोभ्रंश" जोखिम से जोड़ता है।
एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने और पर्याप्त व्यायाम न करने से "डिजिटल डिमेंशिया" हो सकता है, जिसमें स्मृति संबंधी समस्याएं और संज्ञानात्मक गिरावट शामिल है।
निष्क्रियता की लंबी अवधियाँ मस्तिष्क के कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं और कमी का जोखिम बढ़ा सकती हैं, ख़ासकर छोटे व्यक्तियों में ।
विशेषज्ञों ने दिन भर नियमित व्यायाम और छोटे-छोटे ब्रेक को शामिल करने की सलाह दी है ताकि गतिहीन जीवनशैली से लड़ने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सके।
10 महीने पहले
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